एक दिन मनमोहन तिवारी जी अपनी जोरू अंगूरी भाबी से बोले- तुम हमेशा मेरा मेरा करती रहती हो.. तुम्हें ‘हमारा’ कहना चाहिए..
अंगूरी भाबी बोली- सही बके हैं…
थोड़ी देर बाद अंगूरी भाबी अलमारी में कुछ ढूंढ रही थी कि तिवारी जी ने देखा और पूछा- क्या खो गया? क्या खोज रही हो?
अंगूरी भाबी बोली- हमारा पेटीकोट !!
***
विभूति मिश्रा जी हकीम जी के पास गए और बोले- मुझे कुछ अजीब सी बीमारी हो गई है, मेरी बीवी अनिता जब कुछ बोलाती है तो मुझे कुछ साफ़ सा सुनाई नही देता !
हकीम जी विभूति मिश्रा जी को बधाई देते हुए बोले- माशा अल्लाह… यह बीमारी नहीं, यह तो तुम पर अल्लाह की रहमत हुई है…
अंगूरी भाबी बोली- सही बके हैं…
थोड़ी देर बाद अंगूरी भाबी अलमारी में कुछ ढूंढ रही थी कि तिवारी जी ने देखा और पूछा- क्या खो गया? क्या खोज रही हो?
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विभूति मिश्रा जी हकीम जी के पास गए और बोले- मुझे कुछ अजीब सी बीमारी हो गई है, मेरी बीवी अनिता जब कुछ बोलाती है तो मुझे कुछ साफ़ सा सुनाई नही देता !
हकीम जी विभूति मिश्रा जी को बधाई देते हुए बोले- माशा अल्लाह… यह बीमारी नहीं, यह तो तुम पर अल्लाह की रहमत हुई है…
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